दिल्ली में हुए निर्भया कांड के सात साल बाद भी देश में ऐसी घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही


दिल्ली में हुए निर्भया कांड के सात साल बाद भी देश में ऐसी घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही है, जहां हैदराबाद में हुई घटना ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है। वहीं, दुष्कर्म, छेड़खानी और शीलभंग जैसे मामलों में गोरखपुर पुलिस की विवेचना की रफ्तार काफी धीमी है। पिछले 11 माह में दर्ज मुकदमों की विवेचना में पुलिस अभी आधा दूरी भी नहीं तय कर पाई है। दुष्कर्म के 67 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इसमें से 35 में चार्जशीट लगी है। शीलभंग, छेड़खानी और फब्तियां कसने के ज्यादातर मामले लंबित पड़े हैं।



पुलिस की ओर से मिले आंकड़े के अनुसार एक जनवरी से 30 नवंबर 2019 तक दुष्कर्म की कुल 67 घटनाएं हुई हैं। वहीं, शीलभंग व छेड़खानी की 220 और फब्तियां कसने की 11 घटनाएं हुई हैं। ये वे मामले हैं, जिनका पुलिस ने केस दर्ज किया है।


इनमें से दुष्कर्म के मामले में 35 मुकदमों की विवेचना पूरी हुई है तो 32 अभी लंबित हैं। शीलभंग व छेड़खानी के मामले में 110 विवेचनाएं निस्तारित हुई हैं। वहीं, 120 मामले लंबित हैं। इसके अलावा फब्तियां कसने के मामलों में मात्र दो में ही विवेचनाएं निस्तारित हुई हैं, नौं लंबित हैं।